Skip to main content

Posts

Showing posts from June, 2010

यह आसमाँ क़फ़न...

यह आसमाँ क़फ़न बनेगी मेरी, हवा रुदाली मेरी, गिद्द उठा ले जायेंगे लाश मेरी, मक्खियाँ जनाज़ा पढ़ लेंगी, आप से बस इतनी ग़ुज़ारिश है हज़रत मेरे, के जब साँसों की जिद्दोजिहद रुक जाए, इस ख़ानाबदोश का सर मक्के की तरफ़ कर देना